Monday, December 28, 2009

शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन


शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन, दीने-पनाह हुसैन
सरदाद न दाद दस्त, दर दस्ते-यज़ीद
हक़्क़ा के बिना, लाइलाह अस्त हुसैन
-हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन



हुस्ने-क़त्ल असल में मर्गे-यज़ीद है,
इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद...
कैलेंडर यानि हिजरी सन् का पहला महीना मुहर्रम है. हिजरी सन् का आगाज़ इसी महीने से होता है। इस माह को इस्लाम के चार पवित्र महीनों में शुमार किया जाता है. अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद (सल्ल.) ने इस माह को अल्लाह का महीना कहा है. साथ ही इस माह में रोज़ा रखने की खास अहमियत बयान की गई है. 10 मुहर्रम को यौमे आशूरा कहा जाता है. इस दिन अल्लाह के नबी हज़रत नूह (अ.) की किश्ती को किनारा मिला था.

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شاہ است حسین بادشاہ است حسین




خواجہ غریب نوازمعین الدین چشتی اجمیری علیہ رحمہ آپکی شان میں یوں رقم طراز ہیں کہ ۔
شاہ است حسین بادشاہ است حسین
دین است حسین دین پناہ است حسین
سرداد نداد دست دردست یزید
حقا کہ بنا ے لا الہ است حسین

اقبال یوں گویا ہوئے کہ ۔ ۔
غریب و سادہ ورنگین ہے داستان حرم
نہایت اس کی حسین ابتداءہیں اسماعیل
عبدالحمید عدم نے کیا خوب کہا اور بالکل سچ کہا کہ ۔ ۔
جب خیر و شر میں دقّتِ تفریق ہو گئ
بے ساختہ حُسین کی تخلیق ہو گئ