अम्मी बहुत याद आती हैं
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इंसान की असल ज़िन्दगी वही हुआ करती है, जो वो इबादत में गुज़ारता है, मुहब्बत
में गुज़ारता है, ख़िदमत-ए-ख़ल्क में गुज़ारता है.
बचपन से देखा, अम्मी आधी रात में उठ...
4 months ago
1 Comments:
आपकी उर्दू मे मुझे अपनी ओर खींच लाया. अल्फाजों की बाजीगरी का जवाब नहीं.
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